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A Complete Guide on Derivatives in Hindi – डेरिवेटिव क्या होता है, पूरी जानकारी आसान भाषा में

a complete guide on derivatives

निवेश की दुनिया बेहद ही व्यापक और विस्तृत है जिससे अधिक कमाने के लिए जरूरी है कि आप इसकी अधिक से अधिक समझ लें। निवेश की दुनिया कई ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में सामान्य तौर पर लोगों को जानकारी नहीं होती और उन्हीं में से एक है Derivatives! कई लोग यह नहीं जानते 'डेरिवेटिव क्या होता है'? अगर आप भी डेरिवेटिव के बारे में अधिक जानकारी नहीं रखते तो यह लेख पूरा पढ़ें क्युकी इस लेख में हम आपको 'डेरिवेटिव की पूरी जानकारी' (A Complete Guide on Derivatives in Hindi) आसान भाषा में देने वाले है।

डेरिवेटिव क्या होता है - What is Derivative in Hindi (A Complete Guide on Derivatives in Hindi)

डेरिवेटिव निवेश की दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक ही क्योंकि काफी सारे बड़े और समझदार निवेशक डेरिवेटिव का उपयोग करके काफी अच्छा मुनाफा निवेश की दुनिया से कमाते हैं। अगर आप नहीं जानते कि डेरिवेटिव क्या होता है (What are Derivatives in Hindi) तो जानकारी के लिए बता दे की Derivative एक प्रकार का Financial Contract या फिर कहा जाए तो वित्तीय अनुबंध होता है, जो किसी एसेट पर निर्धारित होता है, जिसे Underlying Asset कहा जाता है।

अगर आप थोड़ा आसान भाषा में Derivative को समझना चाहते हो तो डेरिवेटिव एक ऐसा कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें किसी प्रकार की भविष्य में की जाने वाली निवेशों खरीद को लेकर पहले ही समझौता कर दिया जाता है। अगर उदाहरण के तौर पर समझा जाए तो अगर आप किसी कंपनी के साथ एक डेरिवेटिव तैयार कर लेते हैं कि वह कंपनी आपको अगले साल ₹100 प्रति प्रोडक्ट प्रोडक्ट के हिसाब से हजार प्रोडक्ट देगी तो ऐसे में उसे कंपनी को आपको अगले साल उसे डेरिवेटिव के अनुसार एक लाख रुपए में हजार प्रोडक्ट देने होंगे।

एक बार अगर डेरिवेटिव अर्थात फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट हो जाए तो उसके बाद अगर प्रोडक्ट की कीमत बढ़ती है तो भी वह कंपनी आपको इस रेट में प्रोजेक्ट देगी अर्थात डेरिवेटिव्स की एक कीमत सेट हो जाती है तो ऐसे में इन डेरिवेटिव्स को भी खरीदा और बेचा जाता है अर्थात इनकी ट्रेडिंग होती है। निवेश की दुनिया में सामान्य तौर पर डेरिवेटिव Stocks, Index, Currency और Commodity के बारे में होते है। दुनिया के कई बड़े निवेशक डेरिवेटिव्स में निवेश करते है और इनसे काफी अच्छा मुनाफा कमाते है।

डेरिवेटिव कैसे काम करता है - How Derivatives Work in Hindi

अगर आप यह भी नहीं जानते होंगे कि डेरिवेटिव कैसे काम करता है तो समस्या की कोई बात नहीं क्योंकि डेरिवेटिव के इस गाइड (A Complete Guide on Derivatives in Hindi) में आपको इसे समझने का भी पूरा मौका मिलेगा। दरअसल Derivatives के निवेश की दुनिया में काम करने के तरीके को समझना काफी आसान है। डेरिवेटिव एक प्रकार की फाइनेंशियल सिक्योरिटी या फिर फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट होता है जो दो या दो से अधिक दलों या लोगों के बीच में होता है भविष्य के निवेशक खरीद को लेकर।

ट्रेडर्स के द्वारा डेरिवेटिव का उपयोग विभिन्न बाजारों और एसेट्स को एक्सेस करने के लिए किया जाता है। Derivates को सामान्य तौर पर Advenced Investing का एक तरीका माना जाता है जिसके द्वारा लोग आसानी से भविष्य के लिए पहले ही निवेश कर सकते हैं। Derivatives के Undelying Assets मुख्य रूप से Stocks, Bonds, Commodities, Currencies, Interest Rates और Market Indexes आदि होते है। Underlying Assets की कीमत के अनुसार Derivatives की कॉन्ट्रेक्ट वैल्यू प्रभावित होती है।

Types of Derivatives in Hindi - डेरिवेटिव के प्रकार

अगर आप डेरिवेटिव्स की पूरी जानकारी (A Complete Guide on Derivatives in Hindi) लेना चाहते हो तो इसके लिए आपका याह जानना भी जरूरी है की आखिर डेरिवेटिव के प्रकार (Types of Derivatives in Hindi) क्या है तो जानकारी के लिए बता दे की डेरिवेटिव्स के अलग अलग तरह कई प्रकार हो सकते है लेकिन अगर बात की जाए Derivates के मुख्य प्रकारों की तो Derivatives के मुख्य रूप से 4 प्रकार होते है। अगर आप डेरिवेटिव्स के 4 प्रकारों के बारे में नहीं जानते तो वह कुछ इस प्रकार है:

1. Future Derivatives

अगर बात की जाए Derivatives के पहले प्रकार की तो वह है Future Derivative! अगर आप नहीं जानते की फ्यूचर डेरिवेटिव क्या होता है तो जानकारी के लिए बता देगी फ्यूचर डेरिवेटिव वह डेरिवेटिव होता है जिसमें दो या दो से अधिक पार्टी किसी एसेट की भविष्य की दिनांक में परचेज या डिलीवरी के लिए एग्रीमेंट करती है। इस तरह के डेरिवेटिव में एसेट की कीमत पहले ही निर्धारित कर दी जाती है तो ऐसे में इस डेरिवेटिव में Buyer और Seller दोनों Risk लेते है एसेट की कीमत को लेकर।

2. Forward Derivatives

अगर आप डेरिवेटिव्स के बारे में अधिक जानकारी नहीं रखते तो सामान्य सी बात है कि आपको यह नहीं पता होगा कि आखिर Forwards Derivative किसे कहते हैं? तो जानकारी के लिए बता दे की फोरवर्ड्स डेरिवेटिव्स वह डेरिवेटिव होते हैं जो करीब करीब फ्यूचर डेरिवेटिव्स की तरह ही होते हैं परंतु एक्सचेंज पर ट्रेड नहीं किए जाते। Forwards Derivatives में Buyer और Seller दोनों Terms, Size और Settlement Process को Customize कर सकते है।

3. Swap Derivatives

Derivatives का एक मुख्य प्रकार होता है Swap Derivative! अगर आप नहीं जानते की  Swap Derivatives क्या होते हैं तो जानकारी के लिए बता दे कि यह वह फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जिसमें दोनों पार्टियों अपने Financial Obligations या Liabilities को बदल सकती है। सामान्य तौर पर इस प्रकार के डेरिवेटिव का उपयोग इसलिए किया जा सकता है ताकि भविष्य में Underlying Assets के अनुसार इंटरेस्ट रेट को बदला जा सके और कैश फ्लो बरकरार रहे। वर्तमान समय में यह डेरिवेटिव्स काफी उपयोग किए जाते हैं।

4. Options Derivatives

Derivatives का एक मुख्य प्रकार Options Derivative भी होता है जो होता तो करीब करीब Future Derivative जैसा है लेकिन इसमें एक अंतर यह होता है कि इसमें Buyer कभी भी फ्यूचर डेरिवेटिव्स की तरह अपनी खरीदने या फिर बेचने की एग्रीमेंट को फॉलो करने के लिए बाद में नहीं होता। यानि की इस तरह के डेरिवेटिव में बाध्यता नहीं होती, यह अवसर मात्रा होते हैं अर्थात अगर Buyer चाहे तो Exersize फॉलो कर सकता है और अगर वह चाहे तो उसे टाल भी सकता है। कई तरह की डील्स के लिए इन डेरिवेटिव का उपयोग किया जाता है।

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डेरिवेटिव के फायदे - Benefits of Advantages in Hindi

  • Derivatives का सबसे बड़ा फायदा है Price पर Lock लगाना और यही कारण है की समझदार निवेशक और व्यापारी इन्हें काफी पसंद करते हैं। एक बार डेरिवेटिव कर लिया जाए तो उसके बाद भविष्य में प्राइस बढ़ने पर भी पुरानी प्राइस पर Deal हो सकती है।
  • Derivative के कई बड़े फ़ायदों में से एक फायदा यह भी है की इसके द्वारा Rates में आने वाले Unfavorable Moments अर्थात वह मौके जो प्रतिकूल हो, उनसे बचा जा सकता है और यह Derivatives करने के सबसे बड़े कारणों में से एक है।
  • Derivatives को काफी सारे समझदार निवेदक केवल इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि यह Risk को काफी कम कर देता है जिससे Deals करना या निवेश करना काफी आसान हो जाता है, और मुनाफा होने की संभावनाएं बढ़ती है।

डेरिवेटिव के नुकसान - Disadvantages of Derivatives in Hindi

  • डेरिवेटिव के सबसे बड़े नुकसानों में से एक महत्वपूर्ण नुकसान है Expiration के समय की मात्रा में परिवर्तन। कई बार इसकी वजह से एक पार्टी के लिए सौदा नुकसान में चला जाता है जिसके चलते उनके द्वारा किया गया डेरिवेटिव उनको मुनाफे की जगह नुकसान देता है।
  • डेरिवेटिव के लिए को सामान्य तौर पर Underlying Asset को होल्ड करके रखना होता है तो ऐसे में उस एसेट को होल्ड करके रखने की भी कास्ट आती ही है जो एक पार्टी के लिए जो की सामान्य तौर पर Seller होते है, सौदा नुकसान में बदल जाता है।
  • डेरिवेटिव के मुख्य नुकसानों में से एक नुकसान Interest Rate भी है क्योंकि कुछ डेरिवेटिव में इंटरेस्ट रेट की वजह से फायदे का सौदा नुकसान में बदल जाता है। ऐसे में एक पार्टी के लिए डेरिवेटिव नुकसानदायक हो जाता है।

निष्कर्ष!

Derivatives आज के समय में काफी सारे बड़े और समझदार निवेशकों और व्यवसाईयों के द्वारा विभिन्न प्रकार के निवेश और डील्स को करने के लिए उपयोग में लिए जाते हैं। निवेश और व्यापार की दुनिया के इस बड़े बाप के बारे में काफी सारे लोगों को पर्याप्त जानकारी नहीं होती और यही कारण है कि हमने यह लेख तैयार किया है जिसमें हमने Derivative की पूरी जानकारी या फिर कहा जाए तो डेरिवेटिव का एक संपूर्ण गाइड (A Complete Guide on Derivatives in Hindi) आसान भाषा में दिया है।

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FAQ

प्रश्न: डेरिवेटिव का मतलब क्या होता है?

उत्तर: डेरिवेटिव एक प्रकार का फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट या सिक्योरिटी होता है जिसकी वैल्यू उसके अन्डरलाइंग एसेट पर निर्भर करती है। काफी सारे निवेशक डेरिवेटिव्स में निवेश करके काफी अच्छा मुनाफा कमाते हैं।

प्रश्न: डेरिवेटिव क्यों महत्वपूर्ण होते हैं?

उत्तर: डेरिवेटिव के कई फायदे होते हैं जैसे की है आपका नुकसान की जोखिम को काफी कम कर सकता है तो ऐसे में काफी सारे निवेदक और व्यापारी इसका उपयोग करके काफी अच्छा मुनाफा कमाते हैं।

प्रश्न: डेरिवेटिव का उपयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर: अगर आप नहीं जानती कि डेरिवेटिव का उपयोग क्यों किया जाता है तो जानकारी के लिए बता दे की जोखिम के मैनेजमेंट, हेजिंग, बाजारों के बीच मध्यस्थता और सट्टेबाजी जैसे कई उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इनका उपयोग किया जाता है।