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इंफ्लेशन (मुद्रास्फीति) क्या है – What is Inflation in Hindi – इंफलेशन की पूरी जानकारी

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अगर आप आर्थिक दुनिया में थोड़ी बहुत बेरुचि रखते हो तो आपने कभी ना कभी इन्फ्लेशन के बारे में जरूर सुना होगा। चाहे आपकी कमाई की हो या फिर आपके खर्चों की, इन्फ्लेशन हर चीज को प्रभावित करती है, तो ऐसे में यह बेहद ही जरूरी है कि आपको Inflation अर्थात मुद्रास्फीति की जानकारी हो। अगर आप नहीं जानते कि आखिर 'इंफ्लेशन (मुद्रास्फीति) क्या है' (What is Inflation in Hindi) तो यह लेख पूरा पड़े क्योंकि इस लेख में हम आपको इंप्रेशन की पूरी जानकारी आसान भाषा में देने वाले हैं।

What is Inflation in Hindi - इंफ्लेशन (मुद्रास्फीति) क्या है?

अगर आप Inflation के बारे में अधिक जानकारी नहीं रखते और नहीं जानते की आखिर 'इंफ्लेशन क्या है' (What is Inflation in Hindi) तो सबसे पहले तो आपको जानकारी के लिए यह बता दे की Inflation को हिन्दी में 'मुद्रास्फीति' कहते है। इन्फ्लेशन कहा जाता है समय के साथ सेवाओं और उत्पादों की कीमतों में वृद्धि को, जिसे प्रत्यक्ष तौर पर पैसों की खरीद शक्ति कम होने के साथ भी जोड़ते है। समय के साथ मुद्रा की खरीद शक्ति कम होती है और सेवाओं व उत्पादों की कीमत बढ़ती है, जो Inflation कहलाती है।

अगर थोड़ा सरल भाषा में मुद्रास्फीति अर्थात विश्लेषण को समझा जाए तो, जैसे-जैसे समय गुजरता जाता है वैसे-वैसे पैसों की खरीद शक्ति अर्थात Purchasing Power कम होती है, जिससे सेवाओं और उत्पादों की कीमतों में वृद्धि होती है अर्थात सेवाओं और उत्पादों की कीमतें बढ़ जाती है। समय के साथ पैसों की खरीद शक्ति में आने वाली कमी और सेवाओं और उत्पादों की बढ़ाने वाली कीमतों को एक दर में मापा जाता है जिसे इन्फ्लेशन या फिर कहे तो मुद्रास्फीति बोलते है।

Inflation Example in Hindi - उदाहरण से समझे इंफलेशन को

इन्फ्लेशन को उदाहरण के द्वारा आसानी से समझा जा सकता है तो ऐसे में हम भी आपको इन्फ्लेशन को उदाहरण के साथ (Inflation Example in Hindi) आसान भाषा में समझते हैं। अगर इन्फ्लेशन को हिरण के साथ समझा जाए तो दूध के पैकेट का उदाहरण लिया जा सकता है जो एक समय पर ₹15 का मिला करता था और आज ₹30 का मिलता है। वहीं पेट्रोल का उदाहरण भी लिया जा सकता है क्योंकि समय के साथ हर उत्पाद और सेवा की कीमत बढ़ती है और खरीद सकती कम होती है, इसे ही Inflation कहते है।

Causes of Inflation in Hindi - इंफलेशन के पीछे के कारण

Inflation हमारे खातों से लेकर हमारी सैलरी सभी को प्रभावित करती है। यह हमारे जीवन पर एक उच्च स्तरीय असर रखती है तो ऐसे में इसकी जानकारी होना जरूरी है। अगर आप इन्फ्लेशन को सटीक रूप से समझना चाहते हो तो इसके लिए यह बेहद ही जरूरी है की आपको इन्फ्लेशन के पीछे के कारणों के बारे में पता हो। अगर आप 'इंफलेशन के पीछे के कारण' (Causes of Inflation in Hindi) नहीं जानते तो बता दे की इन्फेक्शन के पीछे कई कारण होते हैं जिनमें से कुछ मुख्य कारण इस प्रकार है:

Demand का बढ़ना: Inflation के सबसे बड़े कर्म में से एक कारण है डिमांड का बढ़ना! जी हां, समय के साथ सेवाओं और उत्पादों के डिमांड बढ़ती जाती है जिसके चलते कई बार सप्लाई कम पड़ जाती है तो ऐसे में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ती है जो इन्फ्लेशन के सबसे मुख्य कर्म में से एक है। अर्थात जब ज्यादा डिमांड होती है परंतु सप्लाई कम होती है तो ऐसे में वस्तुओं और सेवाओं की कीमत बढ़ती है, जो इन्फ्लेशन का एक मुख्य कारण है।

Cost का बढ़ना: इन्फ्लेशन या फिर कहा जाए तो मुद्रास्फीति के सबसे मुख्य कर्म में से एक कारण यह भी होता है कि समय के साथ वस्तुओं और सेवाओं को ग्राहकों तक लाने के लिए जो कॉस्ट लगती है वह बढ़ती जाती है तो ऐसा में सीधा प्रभाव वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों पर पड़ता है अर्थात उनकी कीमत बढ़ जाती है। वस्तुओं और सेवाओं के कॉस्ट के बढ़ने से जब उनकी कीमत बढ़ती है तो ऐसे में यह Inflation का एक मुख्य कारण बनता है।

बिल्ट-इन इन्फ्लेशन या फिर Wages मे वृद्धि: बिल्ट-इन इंफलेशन उसे स्थिति को कहा जाता है जब भविष्य में इन्फ्लेशन के कारण वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों के बढ़ने की संभावना के चलते कर्मचारियों के द्वारा Wages अर्थात वेतन में वृद्धि की मांग की जाती है जिसके चलते वस्तुओं और सेवाओं से संबंधित कास्ट बढ़ती है और अपने आप कीमत भी बढ़ जाती है, और इस तरह से Built-In Inflation भी इंफलेशन के मुख्य कारणों में से एक होती है।

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Effects of Inflation in Hindi - इंफलेशन के प्रभाव

इन्फ्लेशन हमारे जीवन को कई तरह से प्रभावित करता है और प्रभाव काफी महत्वपूर्ण होते हैं जिनकी जानकारी होनी चाहिए। अगर आप इंफलेशन को सटीक रूप से समझना चाहते तो इसके लिए यह बेहद ही जरूरी है की आपको इससे संबंधित प्रभावों के बारे में जानकारी हो। अगर आप 'इंफलेशन के प्रभाव' (Effects of Inflation in Hindi) नहीं जानते तो जानकारी के लिए बता दे की इंफलेशन के एक नहीं बल्कि कई प्रकार हैं, परंतु अगर कुछ मुख्य प्रकारों के बारे में बात की जाए तो वह कुछ इस प्रकार है:

1. Inflation का सबसे बड़ा प्रभाव यह है कि इंफ्लेशन समय के साथ Purchasing Power कम करता है अर्थात जिस जिस समय गुजरा जाता है वैसे-वैसे ही मुद्रा की परचेसिंग पावर कम होती रहती है, अर्थात मुद्रा अपनी कीमत खोती जाती है।

2. कम आय वाले लोगों को इन्फ्लेशन काफी प्रभावित करती है क्योंकि इन्फ्लेशन के चलते सामान्य उपयोग में आने वाले उत्पादों की कीमत लगातार बढ़ती है जिसमें कम आय वाले लोगों के द्वारा अर्जित किए जाने वाले धन का अधिकतर भाग जाता है।

3. इन्फ्लेशन अर्थात मुद्रास्फीति के सबसे मुख्य प्रभाव में से एक प्रभाव यह भी है कि इंफ्लेशन के द्वारा ब्याज दरों पर भी प्रभाव पड़ता है क्योंकि इन्फ्लेशन करके अनुसार ही ब्याज दर भी घट बढ़ जाते है जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को काफी प्रभावित करते है।

4. इन्फ्लेशन के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव होते हैं और इन्फ्लेशन के सबसे बड़े नकारात्मक प्रभाव में से एक प्रभाव मंडी भी है क्योंकि कई बार अधिक इन्फ्लेशन के चलते बाजार में मंदी देखी जाती है, जो कई चीजों पर से डालती है।

5. सामान्य तौर पर यह देखा जाता है कि इंफ्लेशन के द्वारा Real Estate, Energy, & Value Stocks को बूस्ट मिलता है जिसके चलते इन्फ्लेशन पर विश्वास रखने वाले लोग इनमें निवेश करते हैं और अच्छा मुनाफा कम आते हैं।

How to Protect Against Inflation in Hindi - इंफलेशन से खुद को कैसे बचाए?

इस बात में कोई दो राय नहीं है की इन्फ्लेशन को रोक नहीं जा सकता तो ऐसे में आपको इन्फ्लेशन से लड़ने की तैयारी करनी होगी जिससे कि आप समय के साथ करीब ना हो अर्थात आपको इन्फेक्शन के चलते आर्थिक समस्याओं का सामना ना करना पड़े। अगर आप नहीं जानते कि 'इंफलेशन से खुद को कैसे बचाए' (How to Protect Against Inflation in Hindi) तो जानकारी के लिए बता दे की इंफलेशन से खुद को बचाने के लिए कई तरीके मौजूद है, जो कुछ इस प्रकार है:

  • Fixed Interest Rates देने वाले निवेश विकल्पों में निवेश करें और इस बात का ध्यान रखें कि उन निवेश विकल्पों के द्वारा दी जाने वाली फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट इन्फ्लेशन रेट से ज्यादा हो।
  • स्टॉक्स में निवेश करके भी आप इन्फ्लेशन से बच सकते हैं लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपका एवरेज रिटर्न इन्फ्लेशन रेट से ज्यादा हो।
  • ऐसे काफी सारे निवेश विकल्प होते हैं जो आपको इन्फ्लेशन से प्रोटेक्ट करने की सुविधा देते हैं तो ऐसे में आपको निवेश विकल्प में निवेश कर सकते हैं।
  • अगर आप इन्फ्लेशन से बचना चाहते हैं तो उसके लिए आप अपने पैसों को अच्छी ब्याज दर के साथ से कर सकते हैं जिसके लिए आप CDs आदि में निवेश कर सकते है।

निष्कर्ष!

Inflation हम सभी के जीवन को काफी हद तक प्रभावित करती है लेकिन उसके बावजूद भी इसके बारे में काफी सारे लोगों को पर्याप्त और सटीक जानकारी नहीं होती। यही कारण है कि हमने यह लेख तैयार किया है जिसमें हमने Inflation से जुड़े कई मुख्य विषय जैसे की इंफ्लेशन क्या है (What is Inflation in Hindi) और इन्फ्लेशन के पीछे के कारण आदि के बारे में बात करते हुए इन्फ्लेशन की पूरी जानकारी आसान भाषा में दी है। ऐसे में उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।

FAQ!

प्रश्न: भारत में मुद्रास्फीति दर कितनी है?

उत्तर: कई अन्य देशों की तरह भारत में भी मुद्रा इस विधि दर लगातार बदलती रहती है तो ऐसे में अगर आप भारत की मुद्रास्फीति दर चेक करना चाहते हो तो आप उसे इंटरनेट पर आसानी से चेक कर सकते हो।

प्रश्न: अपस्फीति और मुद्रास्फीति में क्या अंतर है?

उत्तर: अपस्फीति का मतलब होता है समय के साथ वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में गिरावट आना जबकि मुद्रास्फीति का मतलब होता है समय के साथ वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में वृद्धि होना, अर्थात दोनों एक दूसरे के विपरीत है।

प्रश्न: मुद्रास्फीति कब होती है?

उत्तर: मुद्रास्फीति के पैदा होने के कई कारण है जिनमें से मुख्य कारण डिमांड का बढ़ना, कोस्ट का बढ़ना और इनबिल्ट इन्फ्लेशन है जिसके चलते मुद्रास्फीति अर्थात इन्फ्लेशन सामने आती है और कोई सी जगह प्रभावित करती है।