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भारत में सर्वश्रेष्ठ निवेश योजना चुनते समय किन कारकों को ध्यान में रखें – 6 Key Factors to Consider While Choosing the Best Investment Plan in India

Consider When Choosing the Best Investment Plan

निवेश करना तो जरूरी होता ही है लेकिन साथ ही सही जगह पर निवेश करना भी जरूरी होता है क्योंकि सही जगह पर निवेश करके ही अपने भविष्य को सुरक्षित किया जा सकता है। अगर आप निवेश करने की सोच रहे हो और उसके लिए कोई Investment Plan चुनने वाले है तो ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि आखिर 'भारत में सर्वश्रेष्ठ निवेश योजना चुनते समय किन कारकों को ध्यान में रखें' (Key Factors to Consider When Choosing the Best Investment Plan in India) जिनके बारे में हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं।

भारत में सर्वश्रेष्ठ निवेश योजना चुनते समय किन कारकों को ध्यान में रखें?

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि बढ़ती हुई महंगाई और इन्फ्लेशन के बीच में अगर आप अपने भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हो तो ऐसे में यह बेहद ही जरूरी है कि आप Investment करो तो सही जगह पर करो। अगर आप इन्वेस्टमेंट करने की सोच रहे हो और आप सही जगह पर ही अपना पैसा निवेश करना चाहते हो तो ऐसे में आपको अपने लिए सर्वश्रेष्ठ योजना चुनने के लिए कुछ कारकों का ध्यान रखना होता है। अगर आप इन कारकों के बारे में अधिक जानकारी नहीं रखते तो बता दे की वह कुछ इस प्रकार है:

1. Return on Investment (ROI)

फर्क नहीं पड़ता की आप अपना पैसा कहां निवेश करने जा रहे हो, सबसे पहले आपको जो चीज देखनी चाहिए वह यह है कि आखिर आपको आपके द्वारा निवेश किए जाने वाले पैसों पर कितना रिटर्न ओं इन्वेस्टमेंट मिलेगा। रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट का आकलन सालाना या फिर मासिक आधार पर किया जाता है। आप जिस भी निवेश प्लान में निवेश करने जा रहे हो, अगर आप उसका रिटन ऑन इन्वेस्टमेंट ज्यादा ही कम है, तो ऐसे में इस तरह के इन्वेस्टमेंट प्लान को इग्नोर कर देना ही बेहतर है।

Return on Investment अर्थात ROI कहा जाता है आपके निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को या फिर कहा जाए तो आपके निवेश पर होने वाले लाभ को रिटन ओं इन्वेस्टमेंट कहा जाता है। आपको हमेशा इस बात का ध्यान रखना होता है कि आपने जो निवेश प्लान को चुने जा रहे हो उसमें आपको अच्छा रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट मिल रहा हो क्युकी ऐसा ना होने पर आपका पैसा इन्फ्लेशन की भी बराबरी नहीं कर पाएगा। जिन निवेश प्लान में अच्छा रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट मिले, केवल उन्ही में निवेश करना चाहिए।

2. Cost

अगर आप आप निवेश करने जा रहे हो तो अपना निवेश प्लान चुनने से पहले यह जरूरी है कि आप उस निवेश प्लान की Cost का भी ध्यान रखो अर्थात आप उस Investment Plan में कितना निवेश करने वाले हो क्योंकि अगर आप किसी ऐसे इन्वेस्टमेंट प्लान को चुन लेते हो जिसमें आपको काफी ज्यादा पैसा देना पड़ता है और उसके बाद आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो ऐसे इन्वेस्टमेंट का कोई मतलब नहीं। हमेशा इन्वेस्टमेंट प्लान को छूने जिसमें आपको अत्यधिक कास्ट ना आए।

इन्वेस्टमेंट करना जरूरी होता है परंतु कभी भी ऐसा इन्वेस्टमेंट नहीं करना चाहिए जिसमें आपको इतना पैसा देना पड़े की आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो क्योंकि यह आपके जीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर सकता है और हो सकता है कि आपका इन्वेस्टमेंट आपके लिए एक बड़ा घाटा बन जाए। तो ऐसे में कभी भी ऐसा इन्वेस्टमेंट नहीं करना चाहिए जिसमे Cost इतनी आए की बाद में उसे सहने में दिक्कत हो जाए, क्युकी इन्वेस्टमेंट भविष्य सुरक्षित करने के लिए होते हैं, वर्तमान खराब करने के लिए नहीं।

3. Time to Goals

वर्तमान समय में अधिकतर लोग जो इन्वेस्टमेंट करते हैं वह बिना किसी गोल के इन्वेस्टमेंट करते हैं जिससे उनका इन्वेस्टमेंट उतना प्रभावित साबित नहीं होता जितना कि वह होना चाहिए परंतु अगर आप कोई इन्वेस्टमेंट करने जा रहे हो तो सबसे बेहतर यही होगा कि आप इन्वेस्टमेंट के लिए समय आधारित उद्देश्य निर्धारित करे। अगर आप इन्वेस्टमेंट के साथ एक उद्देश्य रखते हैं तो आप उसे उद्देश्य के अनुसार अपने इन्वेस्टमेंट को घटा और बाद भी पाएंगे जो सटीक रूप से इन्वेस्टमेंट करने का बेहतर तरीका है।

जब आप किसी उद्देश्य के साथ अपने इन्वेस्टमेंट को जोड़ते हो तो ऐसे में आप अपने इन्वेस्टमेंट को इस उद्देश्य के साथ मिनिमाइज या फिर मैक्सिमाइज भी कर सकते हैं अर्थात उसे कम या ज्यादा भी कर सकते हैं या फिर बीच में जरा पड़ने पर उसका उपयोग भी कर सकते हैं क्योंकि आपको आपका उद्देश्य पता होता है। Investment का Objective पता होने पर यह और भी प्रभावी हो जाता है और आपको उसको काफी बेहतर तरिके से उपयोग कर पाते हो, जो काफी जरूरी है।

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4. Tax Considerations

अगर आप आपको इन्वेस्टमेंट करने जा रहे हो तो ऐसे में आपको यह भी देखना होगा कि आपके द्वारा किए जा रहे इन्वेस्टमेंट पर आपको किस तरह से कितना टैक्स पढ़ना होगा क्योंकि कई बार गलत जगह पर निवेश कर देने पर आपको काफी टैक्स भरना पड़ता है जो आपका रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट कम करता है जिससे जो वाकई में एक बुरी चीज है। अगर आप एक इन्वेस्टर के रूप में टैक्सेशन मैनेज करना चाहते हैं तो किसी भी इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश करने से पहले ही उससे संबंधित टैक्सेशन जानकारी ले ले।

आज के समय में काफी सारी टैक्स फ्री निवेश विकल्प उपलब्ध है जिनमें निवेश करके आप अपना टैक्स बचा सकते हो वहीं दूसरी तरफ काफी सारे ऐसे निवेश विकल्प भी मौजूद है जिनमें आपको काफी अधिक टैक्स भरना पड़ता है तो ऐसे में अगर आप सही निवेश विकल्पों को नहीं चुनते तो हो सकता है कि आपका रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट काफी कम हो जाए। तो यह जरूरी है कि आप किसी भी इन्वेस्टमेंट प्लान में इन्वेस्ट करने से पहले टैक्स कंसीडरेशंस कर लो, जिससे कि आपको आगे दिक्कत ना आए।

5. Liquidity

लिक्विडिटी का मतलब होता है आप कितनी आसानी से आपके द्वारा निवेश किया गया पैसा वापस प्राप्त कर सकते हो। अगर आप किसी इन्वेस्टमेंट प्लान में इन्वेस्ट करने जा रहे हैं तो इन चीजों का आपको ध्यान रखना पड़ता है उनमें से एक चीज लिक्विडिटी भी है क्योंकि कभी भी ऐसा हो सकता है कि आपको पैसों की जरूरत आ जाए तो ऐसे में आप आपके द्वारा इन्वेस्ट किए गए पैसों को प्राप्त करना चाहोगे तो यह जरूरी है कि आपका इन्वेस्टमेंट प्लान में लिक्विडिटी भी हो, ताकि आप आसानी से अपना पैसा निकाल सके।

अगर आप आर्थिक तौर पर मजबूत है और आने वाली जरूरत को मैनेज कर सकते हैं तो ऐसे में आप ऐसे इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश कर सकते हो जहां लिक्विडिटी कम हो लेकिन अगर आपको आने वाले समय में पैसा चाहिए होगा तो ऐसे में आपको सिर्फ ऐसे इन्वेस्टमेंट प्लान में ही निवेश करना चाहिए जिनमें अच्छी लिक्विडिटी हो अर्थात पैसा आराम से निकाला जा सके। अगर इन्वेस्टमेंट प्लान में अच्छी लिक्विडिटी होती है तो आपको आपका पैसा निकालने में आसानी होती है, जो समय आने पर आपकी जरूरतो को पूरा कर सकता है।

6. Risk

अगर आप किसी तरह की कोई इंवेस्टमेंट करने जा रहे हो तो ऐसे में आपको जिन कारकों का सबसे अधिक ध्यान रखना रहता है उनमें से एक है रिस्क! वर्तमान समय में दो तरह की इन्वेस्टमेंट होती है जिनमें से कुछ पूरी तरह से सुरक्षित होती है तो कुछ में थोड़ी बहुत रिक्स होती है। सामान्य तौर पर देखा जाता है कि जिन इन्वेस्टमेंट में रिक्स होती है उनमें रिटर्न भी अच्छा मिलता है परंतु घटा लगने की संभावनाएं भी रहती है तो ऐसे में यह जरूरी है कि आप इन्वेस्टमेंट से पहले रिस्क का आकलन करें।

अगर आप अपनी इन्वेस्टमेंट के बावजूद भी आर्थिक रूप से मजबूत रहते हैं अर्थात आपको आपके द्वारा निवेश किए जाने वाले पैसों की आने वाले समय में अधिक जरूरत नहीं पड़ती तो ऐसे में आप अपने इन्वेस्टमेंट के साथ रिस्क ले सकते हैं लेकिन अगर आपको आने वाले समय में पैसों की जरूरत पड़ेगी तो आपको उन जगहों पर बिल्कुल निवेश नहीं करना चाहिए जिनमें रिक्स होती है। कई बार ऐसा होता है कि काफी अच्छा खासा धन निवेश करने पर भी लोगों को काफी घाटा लग जाता है तो ऐसे में आपको इन्वेस्टमेंट से पहले रिस्क देख लेनी चाहिए।

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निष्कर्ष!

अगर आप सही जगह पर इन्वेस्टमेंट करना चाहते हो तो यह बाहरी जरूरी है कि आपको पता हो कि आखिर 'भारत में सर्वश्रेष्ठ निवेश योजना चुनते समय किन कारकों को ध्यान में रखें' या फिर 'Key Factors to Consider When Choosing the Best Investment Plan in India' क्या है? यही कारण है कि हमने यह लेख तैयार किया है जिसमें हमने इस विषय की पूरी जानकारी आसान भाषा में दी है। इन कारकों का ध्यान रखते हुए आप आसानी से अपने इन्वेस्टमेंट को अधिक प्रभावी और फायदेमंद बना सकते हैं।

FAQs

प्रश्न: इन्वेस्टमेंट करते समय किस बात का ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर: इन्वेस्टमेंट करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपके द्वारा जो इन्वेस्टमेंट की जा रही है वह आपको कितने रिटर्न देगी और आपको आपका पैसा कब तक मिलेगा जिससे कि आप अपने उद्देश्य की पूर्ति कर सके।

प्रश्न: इन्वेस्टमेंट में रिस्क लेना चाहिए या नहीं?

उत्तर: इन्वेस्टमेंट में रिस्क लेना सही है क्योंकि सामान्य तौर पर देखा जाता है कि जिन इन्वेस्टमेंट में रिक्स होती है उनमें रिटर्न भी अच्छा मिलता है परंतु अगर आपके लिए आपका पैसा काफी ज्यादा जरूरी है अर्थात वह आपके काम आने वाला है तो रिस्क ना लें।

प्रश्न: इन्वेस्टमेंट में टैक्स कैसे बचाएं?

उत्तर: अगर आप इन्वेस्टमेंट में टैक्स बचाना चाहते हैं तो आप ऐसे निवेश विकल्प में निवेश कर सकते हैं जिनके निवेश करने पर सरकार के द्वारा टैक्स बेनिफिट्स दिए जाते हैं तो इस तरह से आप कानूनी तौर पर इन्वेस्टमेंट करते हुए टैक्स बचा पाएंगे।