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Mutual Funds Taxation And Tax Benefits Explained in Hindi – म्यूचुअल फंड्स पर टैक्स और टैक्स बेनेफिट्स की पूरी जानकारी

mutual funds taxation

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि Mutual Funds वर्तमान समय में निवेश के सबसे बेहतरीन विकल्पों में से एक है और अगर सटीक रूप से निवेश किया जाए तो Mutual Funds में निवेश करके न केवल बेहतरीन रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है बल्कि साथ में लीगल तरीके से Tax Benefits भी लिए जा सकते है। अगर आप 'म्यूचुअल फंड्स पर टैक्स और टैक्स बेनेफिट्स' की पूरी जानकारी (Mutual Funds Taxation And Tax Benefits Explained in Hindi) लेना चाहते हो तो यह लेख पूरा पढ़े क्युकी हम आपको इस लेख में वह देने वाले है।

Mutual Funds Taxation और Tax Benefits को समझना क्यों जरूरी है?

अगर आप निवेश करते हो या फिर निवेश की दुनिया में रुचि रखते हो तो सामान्य से बात है कि आपको म्युचुअल फंड्स के बारे में भी पता होगा और यह भी पता होगा कि म्युचुअल फंड्स वर्तमान समय में सबसे बेहतरीन निवेश विकल्पों में से एक है जिम अगर समझदारी के साथ निवेश किया जाए तो यह काफी अच्छा रिटर्न प्रदान करते हैं! अगर आप Mutual Funds में निवेश करना चाहते हो तो इसके लिए यह जरूरी है कि Mutual Funds Taxation और Tax Benefits को समझ ले।

अगर आप Mutual Funds में निवेश करने जा रहे हो और म्युचुअल फंड्स में निवेश करके आप अच्छी खासी रिटर्न प्राप्त करते हो अर्थात अपनी Capital Gain करते हो तो ऐसे में आपको उस पर Tax देना होता है तो वहीं दूसरी तरफ Mutual Funds में निवेश करने पर कई तरह के और कई तरह से Tax Benefits भी मिलते है। ऐसे में फंड्स में निवेश करने से पहले आपका Mutual Funds Taxation और Tax Benefits को समझना बेहद ही जरूरी हो जाता है, जिससे की आपको निवेश करने के बाद कोई समस्या ना आए।

What is Tax on Mutual Funds in Hindi - म्यूचुअल फंड्स पर टैक्स क्या है?

अगर आप एक नए निवेशक हो और पहली बार म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने जा रहे हो तो सामान्य सी बात है की आपको इससे संबंधित टैक्स प्रक्रिया के बारे मे अधिक जानकारी नहीं होगी। दरअसल जब भी आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हो तो Dividend और Capital Gains के रूप में आप रिटर्न जनरेट करते हो अर्थात आपको आपके निवेश से रिटर्न जनरेट होता है, जो एक तरह से आपकी Income होती है तो ऐसे में आपको इस पर टैक्स भरना होता है। कुछ म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने पर आपको Tax Benefits भी मिलते है।

Factors to Determine Tax on Mutual Funds in Hindi - म्यूचुअल फंड पर टैक्स निर्धारित करने वाले कारक

Mutual Funds में निवेश करने के लिए यह बेहद ही जरूरी है की आप इससे संबंधित Taxation को समझ ले। अगर आप Mutual Funds Taxation को समझना चाहते हो तो इसके लिए यह बेहद ही जरूरी है की आप 'म्यूचुअल फंड पर टैक्स निर्धारित करने वाले कारकों' (Factors to Determine Tax on Mutual Funds in Hindi) को समझ ले जिससे की आप आसानी से Mutual Funds Taxation को समझ पाओ। दरअसल म्यूचुअल फंड पर टैक्स निर्धारित करने वाले कारक कुछ इस प्रकार है:

Fund Types: अगर आप म्यूचुअल फंड्स से संबंधित टैक्सैशन को समझना चाहते हो तो जानकारी के लिए बता दे की म्यूचुअल फंड्स कई प्रकार के होते है जिनमे Equity Mutual Fund, Debt Mutual Fund और Hybrid Mutual Fund शामिल होते है और इन सबकी Taxation Process अलग अलग होती है तो ऐसे में Funds का प्रकार म्यूचुअल फंड पर टैक्स निर्धारित करने वाले सबसे बड़े कारकों में से एक है।

Dividend: कुछ Mutual Funds ऐसे होते है जिनमें निवेश करने पर आपको Dividend मिलता है जो एक तरह से म्यूचुअल फंड्स से होने वाली Income होती है। कई लोग Dividends के लिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते है केव Dividend के लिए। क्युकी यह एक प्रकार की आय होती है तो ऐसे में यह सामान्य तौर पर Taxable हो जाती है तो यह Mutual Funds Taxation को प्रभावित करने वाली एक महत्वपूर्ण कारक है।

Capital Gains: म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य होता है Capital Gain! जी हाँ, ज्यादातर लोग म्यूचुअल फंड्स मे निवेश उनके द्वारा निवेश किए गए अमाउन्ट को बढ़ाने के लिए अर्थात म्यूचुअल फंड्स में निवेश करके वेल्थ बनाने के लिए करते है। Capital Gain एक प्रकार से आपकी आय होती है तो सामान्य तौर पर यह भी Taxable हो जाती है तो ऐसे में यह Taxation को प्रभावित करने वाले कारकों में से एक है।

Holding Period: अगर आप नहीं जानते की आखिर Holding Period क्या होता है तो जानकारी के लिए बता दे की म्यूचुअल फंड्स को खरीदने से लेकर उसे बेचने तक के पीरियड को Holding Period कहा जाता है। भारत में अगर आप अधिक समय तक म्यूचुअल फंड्स तक निवेश करते हो तो आपको कम टैक्स देना होता है। ऐसे में होल्डिंग पीरियड Mutual Funds Taxation को प्रभावित करने वाले संबंधित सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है।

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Mutual Funds Taxation Explained in Hindi - समझे म्यूचुअल फंड्स पर लगने वाले टैक्स को!

म्युचुअल फंड एस निवेश के सबसे बेहतरीन विकल्पों में से एक माना जाता है जिसमें मुख्य रूप से दो तरीके से रिटर्न मिलता है जिनमें से एक तरीका है डिविडेंड और दूसरा तरीका है कैपिटल गेन! काफी सारे म्युचुअल फंड्स Dividend देते हैं जो एक तरह से निवेशक की आय माना जाता है, तो वही म्युचुअल फंड्स में निवेश से Capital Gain भी होता है। म्युचुअल फंड्स में मिलने वाले डिविडेंड और कैपिटल दोनों में ही अलग तरीके से टैक्स लगता है, जिनकी जानकारी कुछ इस प्रकार है:

Mutual Funds Dividend Taxation

सबसे पहले अगर म्युचुअल फंड से मिलने वाले डिविडेंड के टैक्सेशन को समझा जाए तो यूनियन बजट 2020 के बाद से म्युचुअल फंड से मिलने वाले डिविडेंड को निवेशक को अपनी आय में शामिल बात कर उसका टैक्स सामान्य टैक्स स्लैब के अनुसार देना होगा। इससे पहले म्यूचुअल फंड्स से मिलने वाले डिविडेंड टैक्स फ्री हुआ करते थे क्योंकि कंपनियां पहले ही Dividend Distribution Tax (DDT) दे चुकी होती थी। एक निवेशक के तौर पर आपको यह ध्यान रखना है कि डिविडेंड को अपनी इनकम मे शामिल करके उसका टैक्स भरना है।

Mutual Funds Capital Gain Taxation

म्यूचुअल फंड्स से मिलने वाले डिविडेन्ड के ऊपर लगने वाले टैक्स को तो आप बहाली भांति समझ चुके हो लेकिन इतना काफी नहीं है क्युकी आपका Mutual Funds Capital Gain Taxation  के बारे में भी जानना जरूरी है, क्युकी अधिकतर लोग म्यूचुअल फंड्स में Capital Gain के लिए ही निवेश करते है और अधिकतर म्यूचुअल फंड्स कैपिटल गेन देते है। अलग अलग म्यूचुअल फंड्स पर होल्डिंग पीरियड के अनुसार अलग अलग टैक्स लगता है, जिसकी जानकारी कुछ इस प्रकार है:

Equity Funds Capital Gain Taxation: वह फंड जो 65 प्रतिशत या इससे अधिक इक्विटी में निवेश करते है Equity Funds कहलाते है। अगर आप एक साल के अंदर इस तरह के फंड्स में निवेश करके अपना निवेश निकाल लेते हो तो आपको केपिटल गेन पर 15 प्रतिशत टैक्स देना होता है। एक साल से अधिक के निवेश के बाद फंड्स को बेचने पर 1 लाख रुपये तक के केपिटल गैन पर कोई टैक्स नहीं देना होता और इस लिमिट के ऊपर के अमाउन्ट पर निवेशक को 10% LTCG Tax देना होता है।

Debt Funds Capital Gain Taxation: इक्विटी फंड्स के टैक्सेशन के बारे में तो हम आपको बता चुके है तो अब बारी है डेब्ट फंड्स के टैक्सैशन को समझने की! डेब्ट फंड मे किया गया एक साल से कम के निवेश पर पहले की तरह अब Indexation Benefit नहीं मिलते तो ऐसे में इनसे मिलने वाले केपिटल गेन को इनकम में बताकर टैक्स स्लैब के अनुसार इसका टैक्स देना होता है। वही दूसरी तरफ एक साल से अधिक के निवेश पर 20 प्रतिशत टैक्स देना होता है और साथ ही Indexation Benefit भी मिलते है।

Hybrid Funds Capital Gain Taxation: डेब्ट और इक्विटी फंड्स के बारे में तो हम आपको बता चुके है लेकिन अब अगर Hybrid Funds के टैक्सैशन को समझ जाए तो Hybrid Equity-Oriented Funds में एक साल से कम के निवेश पर 15% + Cess + Surcharge देना होता है तो वही लॉन्ग टर्म निवेश पर 1 लाख से ऊपर हुए केपिटल गेन पर 0% + Cess + Surcharge देना होता है। वही Hybrid Debt-Oriented Funds पर अपने Income Tax Slab Rate के अनुसार निवेशक को कैपिटल गैन पर टैक्स भरना होता है।

Securities Transaction Tax (STT)

म्युचुअल फंड्स के द्वारा मिलने वाले डिविडेंड और म्युचुअल फंड्स में होने वाले कैपिटल गैन से संबंधित टैक्सैशन के बारे में तो हम आपको बता चुके हैं लेकिन म्युचुअल फंड्स पर एक और टैक्स लगता है जिसे Securities Transaction Tax (STT) कहा जाता है। यह टैक्स 0.001% का होता है जो Ministry of Finance के द्वारा लिया जाता है जब भी आप कोई म्युचुअल फंड्स खरीदने हो या फिर उसे बेचते हो। यह केवल इक्विटी फंड्स और इक्विटी ऑरिएन्टेड फंड्स के लिए ही लिया जाता है डेब्ट फंड्स के लिए नहीं।

Mutual Funds Tax Benefits Explained in Hindi - म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने पर मिलने वाले टैक्स बेनेफिट्स

म्युचुअल फंड्स टैक्सेशन (Tax on Mutual Funds in India) की जानकारी तो हम आपको दे चुके है लेकिन अगर आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने की सोच रहे हो तो आपको 'म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने पर मिलने वाले टैक्स बेनेफिट्स' (Mutual Funds Tax Benefits in Hindi) की जानकारी भी होनी चाहिए। जी हाँ, म्यूचुअल फंड्स में निवहसकरने पर टैक्स बेनेफिट्स मिलते है और यह एक मुख्य कारण होता है की कई लोग म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते है।

अगर आप म्यूचुअल फंड्स के टैक्स बेनेफिट्स के बारे में जानना चाहते है तो बता दे की इक्विटी-लिंक सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश करने पर म्यूचुअल फंड स्कीम आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत सालाना 1.5 लाख तक टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है। इस बात का ध्यान रखे की इक्विटी-लिंक सेविंग स्कीम (ELSS) 3 साल की अवधि के साथ आते है तो ऐसे में इनमे निवेश करने के बाद निवेश को 3 साल से पहले नहीं निकाला जा सकता अर्थात आपको न्यूनतम 3 साल के लिए निवेश करना होता है।

निष्कर्ष!

म्युचुअल फंड में समझदारी के साथ निवेश करके काफी अच्छे रिटर्न बनाए जा सकते हैं लेकिन अन्य निवेश विकल्पों की तरह म्युचुअल फंड में भी लोगों को टैक्स देना पड़ता है और साथ ही इसमे निवेश करने पर कई तरह के टैक्स बेनेफिट्स भी मिलते है। यही कारण है की हमने यह लेख लिखा है जिसमें हमने 'म्यूचुअल फंड्स पर टैक्स और टैक्स बेनेफिट्स की पूरी जानकारी' (Mutual Funds Taxation And Tax Benefits Explained in Hindi) आसान भाषा में दी है, जिससे की आपको म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने मे कोई दिक्कत ना हो।

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FAQ!

प्रश्न: म्यूचुअल फंड्स टैक्सैशन की जानकारी का महत्व क्या है?

उत्तर: अगर आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हो तो ऐसे में आपको डिविडेन्ड और केपिटल गैन के रूप में निवेश होता है जो एक तरह से आपकी आय होती है जिस पर आपको टैक्स भरना होता है, तो ऐसे में म्यूचुअल फंड्स टैक्सैशन की जानकारी जरूरी है।

प्रश्न: म्यूचुअल फंड से कितनी इनकम टैक्स फ्री है?

उत्तर: अगर आप म्यूचुअल फंड्स में एक लाख रुपये तक इक्विटी फंड्स में निवेश करते हो तो और उस निवेश को एक साल से अधिक समय के लिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हो तो ऐसे में 1 लाख रुपये तक का लाभ टैक्स फ्री है।

प्रश्न: कौन सा म्यूचुअल फंड टैक्स सेवर देता है?

उत्तर: ELSS अर्थात इक्विटी-लिंक सेविंग स्कीम में निवेश करने पर आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है तो ऐसे में आप इस फंड में निवेश करके अपना पैसा बच सकते हो।

प्रश्न: म्यूचुअल फंड टैक्स बचाने में कैसे मदद करते हैं?

उत्तर: आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत अगर आप ELSS अर्थात इक्विटी-लिंक सेविंग स्कीम में निवेश करते हो तो ऐसे में आप 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट प्राप्त करते हुए आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करके टैक्स बचा सकते हो।

प्रश्न: टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड क्या है?

उत्तर: कई लोग जानना चाहते है की आखिर टैक्स सैविंग म्यूचुअल फंड्स क्या है तो बता दे की इक्विटी फंड्स या फिर इक्विटी ऑरिएन्टेड फंड्स में निवेश करने पर टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है तो ऐसे में इन्हे टैक्स सैविंग म्यूचूअल फंड्स कहते है।